shiva tandava Secrets
पूरे खिले नीले कमल के फूलों की गरिमा से लटकता हुआ,
अखर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम्
लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः ॥१७॥
मैं कब प्रसन्न हो सकता हूं, अलौकिक नदी गंगा के निकट गुफा में रहते हुए,
नवीनमेघमण्डलीनिरुद्धदुर्धरस्फुरत्-
मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे
श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥५॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
Lord Siva, whose dance of Tandava is in tune with the sequence of loud Seems of drum generating Dhimid Dhimid Appears, who may have the hearth on the good brow, the hearth that’s spreading out because of the breath in the snake wandering in whirling movement within the wonderful sky.॥eleven॥
जिन्होंने अंधक दैत्य का विनाश किया, जो हाथियों को मारने वाले हैं,
गले अवलंब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम्।
अखर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम्।
जिनका सिर अलौकिक गंगा नदी की बहती लहरों की धाराओं से सुशोभित है,
इस ब्लॉग में सद्गुरु शिव के महान भक्त रावण की एक कहानी सुना रहे हैं कि आखिर क्यों शिव ने उन्हें कैलाश के शिखर से shiva tandava नीचे गिरा दिया ।